किसी भी समझोते का अब मुझको मान नहीं
आम आदमी हूँ मुझको राजनीति का ज्ञान नहीं
देखी है मैंने लाशें चीथड़ों में वीर जवानो की
ओछी हरकत गद्दारो और कायरानो की
देखीं है मैने सुनी मांगे जो कुछ दिन पहेले ब्याही थी
किसी के बेटे की कुछ दिन बाद सगाई थी
बाप की छाती पड़ी माँ को अपना होश नहीं
और माँ बोल रही,
अभी एक बेटा और है मुझको अफ़सोस नहीं
आम आदमी हूँ मुझको राजनीति का ज्ञान नहीं
देखी है मैंने लाशें चीथड़ों में वीर जवानो की
ओछी हरकत गद्दारो और कायरानो की
देखीं है मैने सुनी मांगे जो कुछ दिन पहेले ब्याही थी
किसी के बेटे की कुछ दिन बाद सगाई थी
बाप की छाती पड़ी माँ को अपना होश नहीं
और माँ बोल रही,
अभी एक बेटा और है मुझको अफ़सोस नहीं