सुबह सुबह
जब मैं टहलने जाता
एक कुत्ता रोज मुझ पर
भौकता और गुर्राता
एक दिन साहब
मैंने , निर्णय लिया बड़ा
दिल को किया कड़ा
आर पार की लड़ाई लडूंगा
कुत्ते के पीछे अब मैं पडूंगा
आज सुबह सुबह
गया उसके पास
उसको नहीं थी इसकी आस
कहने लगा
जिगर वाला तू बड़ा हो गया
इतनी हिम्मत
मेरे सामने खड़ा हो गया
मैंने कहा , भाई साहब
आप क्यों मेरे पीछे पड़े हो
क्या आप मुझसे बड़े हो
मैं इंशान हूँ इंशान
आपसे बड़ा शैतान
मुझे काटने के बाद
आप बहुत पछतायेंगे
बापस अपने घर
किस मुँह से जायेंगे
जीने नहीं देगा आपको
मक्कारी, एहसान फरामोशी का कीड़ा
कुत्ते है आप कुत्ते
क्या सहन कर पाएंगे आप ये पीड़ा