जींस ने कर ली साड़ी से लड़ाई
करने लगी अपने मुँह अपनी बड़ाई
साड़ी से बड़बोली जींस बोली
जलन की परत धीरे धीरे खोली
आसुओं को पीना
घुट घुट कर जीना
दहेज़ के लिए जल जाना
चौका बर्तन खाना बनाना
तेरी तो यही कहानी है
लड़किया मेरी दिवानी है
तू ठहरी गॉव की गवाँर
मेरी मुट्ठी मे हे संसार
मैं शहर की पली बढ़ी
तू दासी बन कर रही खड़ी
मेरा सुबह शाम थिरकना
तेरा कोने में सिसकना
तेरे चीथड़ों से घटता मान
कटने फटने के बाद मै बढ़ाती हूँ शान
मैं लेटेस्ट सांग हूँ
मैं समय की मांग हूँ
साडी कर रही थी बहुत सहन
उसने कहा सुनो मेरी छोटी बहन
नारी और हमारा युगो युगो का साथ है
नारी को नारी बनाने मैं हमारा हाथ है
मैं ही रामायण मैं ही गीता
मैं ही सावित्री मैं ही सीता
मैं ही लाज मैं ही मर्यादा
मैं गोकुल की राधा
मैं मीरा की भक्ति
मैं दुर्गा शक्ति
मैं ही पन्ना मैं झांसी की रानी
इतिहास मैं दर्ज मेरी कितनी कहानी
मैं बीड़ा की सरगम
मैं तबले की ताल
मैं ही हूँ वो आँचल
जिसमे पलते है लाल
मैं नारी की लाज हूँ
मैं कल भी थी मैं आज हूँ
मुझे तेरी हर बात सहन है
क्यों की तू मेरी छोटी बहन है ....
क्यों की तू मेरी छोटी बहन है ....