मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

निजी विद्यालय

एक बार माँ सरस्वती ने
धरती में घूमने का मन बनाया
कलियुग है कलियुग मत जाइये
बृह्मा जी ने बहुत समझाया
सभी पत्नियो की तरह उन्होंने भी
बृह्मा जी की एक ना सुनी
भारत में घूमने के लिए
एक जगह चुनी
धरती मैं कदम रखते ही
उन्होंने जो  देखा
उनके मस्तक में उभर आयी
चिन्ता की रेखा
बहुत सारे माँ बाप
अपने अपने बच्चो के साथ
विद्यालय के गेट के बहार खड़े थे
कुछ माँ बाप गेट से अंदर जा रहे थे
जिनके थैले थोड़े बड़े थे
यह सब देख कर , उन्होंने
वहाँ खड़े चौकीदार से किया सवाल
भाई साहब ,काहे का मजमा
काहे का ये ववाल
चौकीदार बोला , बहन जी
ये निजी विद्यालय है
यहाँ बकरो को छाटा जा रहा है
धन्धा है धन्धा , ज्ञान के मंदिर में
धीरे धीरे काटा जा रहा है
गरीब माँ बाप के बच्चे
सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते है
पानी मिला हुआ दूध
भ्रष्टाचार्य की जमीन से उपजा अनाज
बच्चे रोज पीते और खाते है
सुनकर उसकी सारी बाते
आखे उनकी भर आई
सोच रही थी बस वो इतना
ब्रह्मा जी की बात सही थी।पाई पाई

शनिवार, 28 दिसंबर 2019

बिजली


पूरी दुनियाँ में लड़कियों के झटके मशहूर है

और झटके वही देता है जिसमे करेंट भरपूर है

फिर भी हमारा देश बिजली की  समस्या से परेशान है

साहब मेरे पास इसका  निदान है 

बिजली बनाने के लिए इन मेनकाओं को काम में लाये

देश के लिए अधाधुंद बिजली बनाये

पानी  बनने बाली बिजली से ये पड़ेगी सस्ती

इस प्रोजेक्ट में सहायता करेंगी

सनी लियोनी और राखी सावंत जैसी मशहूर हस्ती

सिर्फ दो तारो से होगी पुरे देश में बिजली की सप्लाई

मेरी धासू योजना तो साहब 
देश के कई बड़े बड़े मंत्रियों भाई

सनी लियोनी वाली लाइन में रहेगा 880 वाट करेंट

बड़ी बड़ी फैक्ट्रीया और रेलवे को  
बिजली मिलेगी परमानेंट

राखी सावंत वाली लाइन में 440 वाट का करेन्ट दौड़ेगा

आदमी अपने  घर के फेस इसी से जोड़ेगा

करेंट से चिपकने के बाद भी कोई नहीं मरेगा

बुड्ढा हो या जवान 
मौका मिलते ही सबका चिपकने का दिल करेगा

जाड़ो में मिलेगी पंखो से गरम गरम हवा

अस्सी साल के काका भी हो जायेंगे जवा

जीरो वाट का बल्ब सौ वाट का मजा देगा

मुझको जलओ मुझको जलाओ हर बल्ब कहेगा

जवान लोग अपनी पॉकेट मनी से 
बिजली का बिल जमा करेंगे

टाइम से क्यों नहीं जमा करते हो अपने बाप से लड़ेंगे

और जो चोरी चोरी लेते है डबल डबल फेस

भगवान् भी सॉल्व नहीं कर पाएंगे उनका केस

जिसने भी डाली तार में कटिया

बीबी खड़ी कर देगी उसकी खटिया

गड़वड़ा जायेंगे राजनीति के सारे समीकरण

हिन्दू हो या मुस्लिम करेंगे उसी प्रत्यासी का वरण

जो करेगा सबसे ज्यादा बिजली बनाने का वादा

जीतने का सीधा साधा मंत्र सीधा साधा

गाँव गाँव चौबीस घंटे बिजली का सपना होगा पूरा

इक्सवीं सदी में भी जो आज तक है अधूरा

हमारा देश भी और देशो की तरह विकसित देश कहलायेगा

लज्जा नारी का गहना थी सिर्फ इतिहास में पढ़ा जायेगा ......










मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

मौन


अस्मत लूट रहे,जला रहे

हम कब तक सहेंगे

क्या बात जब घर की हो

 हम तभी कुछ कहेंगे


चीर कर लटका दो चौराहे

जिस्म के भूखे भेड़ियों को

धृतराष्ट्र की सभा में मौन

 हम तो ना रहेंगे

मंगलवार, 26 नवंबर 2019

कुत्ता

सुबह सुबह
जब मैं टहलने जाता
एक कुत्ता रोज मुझ पर
भौकता और गुर्राता
एक दिन साहब
मैंने , निर्णय लिया बड़ा
दिल को किया कड़ा
आर पार की लड़ाई लडूंगा
कुत्ते के पीछे अब  मैं पडूंगा
आज सुबह सुबह
गया उसके पास
उसको नहीं थी इसकी आस
कहने लगा
जिगर वाला तू बड़ा हो गया
इतनी हिम्मत
मेरे सामने  खड़ा हो गया
मैंने कहा , भाई साहब
आप क्यों मेरे पीछे पड़े हो
क्या आप मुझसे बड़े हो
मैं इंशान  हूँ इंशान 
आपसे बड़ा शैतान
मुझे काटने के बाद
आप बहुत पछतायेंगे
बापस अपने घर 
किस  मुँह से  जायेंगे
जीने नहीं देगा आपको 
मक्कारी, एहसान फरामोशी का कीड़ा 
कुत्ते है आप कुत्ते 
क्या सहन कर पाएंगे आप ये पीड़ा 

सोमवार, 18 नवंबर 2019

सार्वजनिक प्याऊ


स्टील का एक गिलास
सार्वजनिक प्याऊ के पास
अपना दुखड़ा रो रहा था
जो भारी सी जंजीर को
अपने कांधो पर
बरसो से ढो रहा था
उसका एक एक शब्द
शत प्रतिशत सही था
इंसानो का व्यवहार
इंसानो जैसा नहीं था

शनिवार, 16 नवंबर 2019

गाली एक योग

संसद से लेकर गलियों तक
सब करते प्रयोग
गाली को घोषित कीजिये
साहब , राष्ट्रीय योग
दामदेव का कौन सा योगा
कर पायेगा ये कमाल
नर नारी मिले सभी को
मानसिक सुख तत्काल

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

कैची चलाते थे


ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन
साइकिल की घंटी
हम लगातार बजाते थे
उसकी गली के चक्कर 
बार बार लगाते थे 
बच्चा समझ कर 
वो नजरे फेर लेती थी
क्योंकि वो साइकिल गद्दी 
और हम कैची चलाते थे

मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019

कंक्रीट का जंगल


आज से करीब करीब
40  से 50   साल बाद
पेड़ पौधे हरियाली
हमको बहुत आएंगे याद 

600  से ज्यादा होगा
धरती का तापमान
जहाँ तक नजर जाएगी
दिखेंगे सिर्फ पक्के  मकान

ना ढंग का खाना होगा
ना पीने लिये के पानी
असहनीय होगा सहना
सूरज की शैतानी

लोग बस किसी तरह
घरो में रह रहे होंगे
पहले धरती कितनी सुन्दर थी
बच्चो से कह रहे होंगे

चारो तरफ हरियाली ही हरियाली
बहुत सी नदिया बहती थी
मुझे बचा लो मुझे बचा लो
धरती सबसे कहती थी

हमारे पूर्वजो ने नहीं दिया
आने वाले कल का ध्यान
बस आज की सोच रहा था
मतलबी था हर इंशान

पेड़ो को काट काट कर
जंगलो को कर दिया साफ़
कंक्रीट के इस जंगल के लिए
हम कभी नहीं करेंगे उनको माफ़