आज से करीब
करीब
40 से 50 साल
बाद
पेड़ पौधे हरियाली
हमको बहुत आएंगे
याद
600 से ज्यादा
होगा
धरती का तापमान
जहाँ तक नजर
जाएगी
दिखेंगे सिर्फ पक्के मकान
ना ढंग का
खाना होगा
ना पीने लिये
के पानी
असहनीय होगा सहना
सूरज की शैतानी
लोग बस किसी
तरह
घरो में रह
रहे होंगे
पहले धरती कितनी
सुन्दर थी
बच्चो से कह
रहे होंगे
चारो तरफ हरियाली
ही हरियाली
बहुत सी नदिया
बहती थी
मुझे बचा लो
मुझे बचा लो
धरती सबसे कहती
थी
हमारे पूर्वजो ने नहीं
दिया
आने वाले कल
का ध्यान
बस आज की
सोच रहा था
मतलबी था हर
इंशान
पेड़ो को काट
काट कर
जंगलो को कर
दिया साफ़
कंक्रीट के इस
जंगल के लिए
हम कभी नहीं
करेंगे उनको माफ़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें