कल रात सपने में
बापू से हुई मुलाक़ात
थोड़ी सी बात
पूछने लगे
कैसे है नीचे के हाल चाल
हमने कहा
बस,सब गलाने में लगे हैं
आपके नाम की दाल
दो अक्टूबर को जरूर
आपको याद कर लते हैं
अहिंसा परमो धर्म
बस मन ही मन कहते है
सरकारी ऑफिस में अभी भी
आपका है पूरा पूरा सम्मान
कागज के रंग बिरंगे टुकड़े को
भगवान् समझ रहा है इंसान
और क्या सुनाऊ बापू
आपको नीचे की कहानी
नौकरी और छोकरी में
दम तोड़ दे रही
जवानो की जवानी
अच्छा बापू चलता हूँ
फिर होगी मुलाक़ात
दिल में मत लेना बापू
मेरी कोई भी बात
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें