मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

500 का नोट

 नोटबंदी के बाद मेरी जेब में
2000 का नोट महीनो से पड़ा था 
उसका और मेरा प्रेम जगजाहिर था 
क्योंकि  वो और नोटों से बड़ा था 

एक दिन वो मेरी जेब से 
उछल कर भागा 
तोड़ दिया उसने
प्रेम का मजबूत धागा 

उसको जाते देख मैं भी 
पीछे पीछे दौड़ा 
पकड़ने के बाद उसको 
कस कर तोड़ा मरोड़ा 

उस पर कर दी 
सवालो की बौछार 
वो भी था कमर कस 
लड़ने के लिए तैयार 

भूखे शेर की तरह 
मुझ पर गुर्राया 
कहेने लगा 
तेरे जैसा कंजूस नहीं पाया 

कब तक करेगा 
दूसरो के पैसे से मौज 
चेंज नहीं चेंज नहीं 
वही  बहाना रोज 

क्या मुझे भी 
अपने साथ ऊपर ले जायेंगा 
मेरे भाई 
कब तू मेरे टूटे कराएंगे 
कब तू मेरे टूटे कराएंगे।।









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