गुरुवार, 18 फ़रवरी 2016

खानदानी परम्परा

खानदानी परम्परा 


एक दिन मेरा बेटा
मुझको देख कर मुस्कराया 
कहने लगा पापा 
क्या मम्मी ने बैंड बजाया ,

मैंने कहा नहीं नहीं बेटा 
जहरीले कीड़े ने कटा है 
कहने लगा पापा 
पाँचो  ऊँगली छपी है ये तो चाटा है ,

मैंने कहा बेटा  
मम्मी मच्छर भगा रही थी 
कहने लगा पापा, 
मैं खिड़की में खड़ा था जब लगा  रही थी ,


मैंने कहा  ये लो 50  का नोट किसी  से मत कहेना 
कहने लगा पापा 
बाबा तो 100 का नोट देते है ,  कि  चुप रहेना ,

एक और 50 का  नोट 
मेरे हाथ में  दीजिये  
मैं  किसी से कुछ नहीं कहूंगा 
कसम खाता हूँ  विधा बालन की 
मनमोहन  की  तरह बिलकुल  चुप रहूंगा,,,,,,,

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