एक प्राइवेट हॉस्पिटल में
नेता जी के पेट का ऑपरेशन होना था
खून की जरूरत कुछ ज्यादा ही थी
यही तो असली रोना था ,
उनका ब्लड ग्रुप
किसी से नहीं कर रहा मैच
ऑपरेशन रुका था
फसा था पेच ,
उनके खून के नमूने
हर लैब में भेजे गए
जानवरो के हॉस्पिटल से भी
कुछ नमूने सहेजे गए ,
खून में कुछ अजीब से जिबाणु
नजर आ रहे थे
वो जिबाणु खुद ही
एक दूसरे को खा रहे थे ,
समस्या डॉक्टरों के लिये
बहुत बड़ी थी
नेता जी की आत्मा
बस यमलोक के गेट के बहार खड़ी थी ,
आखिर डॉक्टरों को
निर्णय लेना पड़ा कड़ा
उन्होंने NB+ नाम के
एक नए खून को गड़ा ,
चोर पुलिस वकील का खून
लिया गया ज्यादा ज्यादा
सियार का खून मिलाया गया
500 ML से आधा ,
खून मैच कर गया
ऑपरेशन रहा पूरी तरह सफल
मिलावटी खून ने इंसानियत के हर जीवाणु को
नेता जी के शरीर से कर दिया पूरी तरह बेदखल
नेता जी के पेट का ऑपरेशन होना था
खून की जरूरत कुछ ज्यादा ही थी
यही तो असली रोना था ,
उनका ब्लड ग्रुप
किसी से नहीं कर रहा मैच
ऑपरेशन रुका था
फसा था पेच ,
उनके खून के नमूने
हर लैब में भेजे गए
जानवरो के हॉस्पिटल से भी
कुछ नमूने सहेजे गए ,
खून में कुछ अजीब से जिबाणु
नजर आ रहे थे
वो जिबाणु खुद ही
एक दूसरे को खा रहे थे ,
समस्या डॉक्टरों के लिये
बहुत बड़ी थी
नेता जी की आत्मा
बस यमलोक के गेट के बहार खड़ी थी ,
आखिर डॉक्टरों को
निर्णय लेना पड़ा कड़ा
उन्होंने NB+ नाम के
एक नए खून को गड़ा ,
चोर पुलिस वकील का खून
लिया गया ज्यादा ज्यादा
सियार का खून मिलाया गया
500 ML से आधा ,
खून मैच कर गया
ऑपरेशन रहा पूरी तरह सफल
मिलावटी खून ने इंसानियत के हर जीवाणु को
नेता जी के शरीर से कर दिया पूरी तरह बेदखल
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति आ.त्रिपाठी जी।
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