जवानी की दहलीज में
रखा था हमने कदम
पहली बार पी थे
दोस्तों के साथ रम
नशे में टुन्न
हम घर आये
दरवाजा खोलो
कस कर चिल्लाये
आँख मिचमिचाते
बापू ने दरवाजा खोला
गिरते पड़ते
हमने सॉरी बोला
कस कर उन्होंने
मेरे गाल पर
तमाचा जड़ा
पाकिस्तान अर्थव्यवस्था की तरह
मैं नहीं रह पाया
अपने पैरो पर खड़ा
मुझ पर चिल्लाये
तेरे परदादा ठर्रा पीते थे
तेरे दादा जी ने भी परम्परा निभाई
तू अंग्रेजी पीकर चला आया
तुझको जरा सी भी शर्म नहीं आयी
तेरे दादा जी ने भी परम्परा निभाई
तू अंग्रेजी पीकर चला आया
तुझको जरा सी भी शर्म नहीं आयी