भारत के बटवारे में
नहेरु जिन्ना की मोहर थी,
रक्तरंजित चारो और
मानवता की धरोहर थी,,
स्वार्थ की खातिर अपने
माँ को अपनी बाट दिया,
लेकर हाथो में खंजर
दो टुकड़ो में काट दिया,,
भूल नहीं पाएंगे हम सब
ये जख्म बहुत ही गहरा है,
कितने ही नरसंहारो का
गाँधी नहेरु के सर सेहरा है,,
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