मेरे पडोसी की पत्नी
ले रही थी अंतिम सॉस
अपने पति शर्मा जी को
बुलाया अपने पास
कहने लगी,
लड़का हो गया हे बड़ा
अपने पैरो पर हे खड़ा
जल्दी से करवा देना
उसकी शादी
जिम्मेदारियों से आपको
मिल
जाएगी आजादी
पोते पोतियों के साथ
बीत जायेंगे आपके बचे साल
ऊपर आओगे ,
तो
पूछ लूंगी
बच्चो के हाल चाल
बोल कर निकल गया दम
सबको हुआ गम
शर्मा जी के आखो में
थे
आँसू
मन में चल रहे थे विचार धांसू
क्या थे उनके मन मे
हम नहीं भाप पाए
अखबार में एक दिन
उनकी तस्वीर
देखकर
घबराये
तस्वीर के नीचे
बड़े बड़े शब्दों में छपा था
खुल गया था वो पिटारा
जो कुछ महीनो से ढपा था
पचास सॉल के विधुर के लिए
सुन्दर घरवाली चाहिये
आदमी सरकारी नौकरी में सेवारत
कुँवारी हो या तलाकशुदा , चले आइये
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