क्या सच हे
पीने के बाद
इंसान सच बोलता है
दिल में छुपे हर राज को
बिना हिचक के
,
खोलता है
मत खिलाओ
किसी को भी
गीता की कसम
पिलाओ दोषी को,
जी भर
विह्स्की , बीयर और रम
नशे मे सच
जुवाँन पर आ जायेगा
बेक़सूर छूट जायेगा
अपराधी सजा पायेगा
गीता का भी , नही होगा
रोज रोज अपमान
बच्चो का भी विश्वास
बना रहेगा
कहीं न कहीं है भगवान्
।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें