मेरे मित्र ढोलक राम
पढाई लिखाई मे थे बहुत कमजोर
अंग्रेजी और मैथ पर
कभी नहीं चला उनका जोर
हिंदी में किसी तरह
पास हो जाते थे
अपनी और देश दोनो
की
इज्जत बचाते थे
ढोलक राम जी को हो गया
कॉलेज की एक लड़की से प्यार
समझ नहीं पा रहे थे
कैसे करे अपने प्यार का इजहार
इम्प्रेशन ज़माने के लिए
अंग्रेजी लव लेटर का लिया सहारा
लेटर लिखवाने के लिए
करारा 50 का नोट मेरे मुँह में मारा
हमारे इरादे भी
उनके प्रति थे नेक
लव लेटर लिखते समय
बस हो गई एक मिस्टेक
लेटर के आखिर में भूलवश
लिख दिया अपना नाम
उनके हसीन सपनो का
झटके मे कर दिया काम तमाम
बन सकती थी जो लड़की
उनकी किस्मत की चाभी
मजबूरी में कह
रहे अब
मेरी बीबी को
भाभी
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