गुरुवार, 25 अप्रैल 2019

मैं चुनाव लडूंगा

मैं चुनाव लडूंगा

कल मैंने फैसला लिया बड़ा 
अपने दिल को किया कड़ा ,

हिम्मत कर के पत्नी से बोला 
नौ साल बाद पहेली बार  मुँह खोला ,

अबकी बार मैं चुनाव लडूंगा 
मोदी की तरह तुम्हे छोड़ कर बहुत आगे बढूंगा ,

उसने ऊपर से नीचे तक मुझे घूर कर देखा 
पता ही नहीं चला कब छप गई मेरे गाल में उसके हाथो की रेखा ,

कहने लगी ,

ना  तुम्हे अमित शाह की तरह राजनीति का ज्ञान 
शादी के पाँच साल बाद एक बच्चा , इसके आलावा कौन सा काम किया है महान ,

ना तुम योगी की तरह तेज तर्रार 
ना सिद्धू की तरह तुम्हे पाकिस्तान से दुलार  ,

ना  नकली गाँधी  परिवार की तरह तुम पर घोटालो का दाग 
तुमको जो पॉकेट  मनी देती हूँ उससे भी मैं मंगवा लेती हूँ सब्जी साग ,

क्या बदल पाओगे हर चुनाव में अपना धर्म अपना गोत्र 
सह पाओगे तुम त्रिपाठी और खॉन बन जाये तुम्हारा पौत्र ,


कैसे दोगे  निर्दोष कार सेवको पर गोली चलाने का आदेश 
भरी सभा में बाप की बेज्जती करके क्या  बन पाओगे अखिलेश,

क्या कर पाओगे केजरीवाल की तरह  घड़ी घड़ी   ड्रामा 
काम कुछ  नहीं करना बस अनशन और हंगामा ,

जनता को कैसे धर्म और जाती के नाम पर बाटोगे 
कौन सा लालच देकर  विरोधियों के वोट काटोगे ,

थाने में भी नहीं है तुम्हारे ऊपर एक दो  केस
तुम्ही बताओ , क्या कर पाओगे तुम इस गन्दी राजनीति को  फेस ,

मत देखो मुंगेरी लाल की तरह हसीन सपने
जल्दी से उठाओ झाड़ू और काम पर लग जाओ अपने ,,,,,,,,,,,,,,,
 जल्दी से उठाओ झाड़ू और काम पर लग जाओ अपने ,,,,,,,,,,,,,,,






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