बुधवार, 17 अप्रैल 2019

सरकारी ठेका

सरकारी ठेका



भगवन मुझको दिलवा दो सरकारी ठेका 
छोटे मोटे हर  धंदे को कर के देखा 

मुश्किल है सर्विस करके घर चलना 
डॉक्टर खा जाता बोनस जो मिलता सालाना 

पाँच साल में एक बार करवाता चुना 
पेट्रोल के रेट बड़े तो बेचीं लूना 

वेतन  मिलते ही आ जाता पंसारी वाला 
बच्चो की फीस निकालें मेरा दिवाला 

थक गया हु सुन पत्नी के ताने 
बेलन चिटा सुबह शाम पड़ते है खाने 

मेरे सास ससुर को भी नहीं उसने छोड़ा 
एक ही लड़का मिला कुंवारा सर अपना फोड़ा 

भगवन मुझको दिलवा दो सरकारी ठेका 
छोटे मोटे हर  धंदे को कर के देखा 

चाहे हो पल का ठेका चाहे बनबाऊ सड़के 
रोज पूँजा करूंगा तेरी उठकर तड़के तड़के 

वादा मेरा पांच साल तक नहीं गिरेगा पुल 
धरती का काम बोझ करूंगा जो है हाउस फुल 

रेलवे का मिल गया जो ठेका माफिया कहलाऊँगा 
रेल के ऊपर रेल चलेगी रेलम पेल मचाऊंगा 

साल भर में हो जायेंगे मेरे वारे न्यारे 
भेज दूंगा सबको ऊपर जो है तुमको प्यारे 


भगवन मुझको दिलवा दो सरकारी ठेका 
छोटे मोटे हर  धंदे को कर के देखा,,,,,,,,,,,,,,,

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