ससुराल
अपनी पत्नी के संग
हम गए ससुराल
जिला उत्तर प्रदेश
गाँव था भुसाल ,
देख बिटिया दामाद को
सास ससुर मुस्कराये
शाली ने पिटा ढ़ोल
जीजा आये जीजा आये ,
चिकोटी काट काट कर
चिपक रही थी शाली
अंदर ही अंदर सुलग रही थी
मेरी इकलौती घरबाली ,
रात भर चलता रहा
गजब बातो का दौर
नींद पर जब नहीं चला
हमारा बिलकुल जोर ,
बोला हमने घरबलो से
हमको लगी निन्दास
धोके से हम लेट गए
अपनी सरहज के पास ,
नींद में जान अपनी लुगाई
पकड़ लिया हमने उसका हाथ
कहने लगी जमाई राजा
हम ना दे पाए आपका साथ ,
सुन कर दूजी आवाज
हमने घबरा कर आखे खोली
पूरा गाँव नहीं ब्याह
सासू गुस्से में बोली ,,,,,,,,
बहुत अच्छा लगा आपकी कविता पढ़कर 👌👌
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