इंटरव्यू चल रहा था
मैं लाइन में खड़ा था ,
मेरा नंबर आया
मुझको अंदर बुलाया ,
मैंने पाँच वर्ष का अनुभव व साड़ी डिग्रियां दिखाई
ये नहीं है काफी , ये बात उन्होंने मुझको समझाई ,
कहेने लगे ,
कुछ और लाये हो तो दिखाओ
नहीं तो चलते नजर आओ ,
मैंने कहा इस कम्पनी में मैनेजर है मेरे मामा
कहेने लगे,पहले क्यों नहीं बताया ये झामा ,
बेकार मे डिग्रियां दिखा रहे हों
शक्ल से काबिल आदमी नजर आ रहे हो ,
आज से ये कंपनी आपकी है
नौकरी आपके बाप की है ,
जब चाहे आये जब चाहे चले जाये
क्या वेतन चाहते है हमें बतायें ,
दामादो की तरह कर रहे थे मेरी खातिरदारी
मेरे दोस्तों ,
यही तो है मेरे भारत की लाइलाज बिमारी ,,,,,,,,,
यही तो है मेरे भारत की लाइलाज बिमारी ,,,,,,,,,
मैं लाइन में खड़ा था ,
मेरा नंबर आया
मुझको अंदर बुलाया ,
मैंने पाँच वर्ष का अनुभव व साड़ी डिग्रियां दिखाई
ये नहीं है काफी , ये बात उन्होंने मुझको समझाई ,
कहेने लगे ,
कुछ और लाये हो तो दिखाओ
नहीं तो चलते नजर आओ ,
मैंने कहा इस कम्पनी में मैनेजर है मेरे मामा
कहेने लगे,पहले क्यों नहीं बताया ये झामा ,
बेकार मे डिग्रियां दिखा रहे हों
शक्ल से काबिल आदमी नजर आ रहे हो ,
आज से ये कंपनी आपकी है
नौकरी आपके बाप की है ,
जब चाहे आये जब चाहे चले जाये
क्या वेतन चाहते है हमें बतायें ,
दामादो की तरह कर रहे थे मेरी खातिरदारी
मेरे दोस्तों ,
यही तो है मेरे भारत की लाइलाज बिमारी ,,,,,,,,,
यही तो है मेरे भारत की लाइलाज बिमारी ,,,,,,,,,
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